दोस्तों आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है और टेक्नोलॉजी हमारे जीवन में अब एक
अहम कगार पर है। कुछ समय से भारत में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पर बहुत जोर–शोर से
ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि कुछ ही समय पहले भारत की Finance Minister ने
यह घोषणा की है कि अब भारत में डिजिटल करेंसी को वैलिड कर दिया जाएगा अब आप
सोच रहें होंगे कि मैं तो यहां ब्लॉकचैन के बारे में जानने आया था लेकिन यहां
तो Crypto currency की जानकारी है तो रुकये जनाब आगे सब जानकारी मिलने वाली
है। डिजिटल करेंसी का नाम इसलिए लिया क्योंकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
(Blockchain Technology) भी इसी से रिलेटेड है। हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) क्या है और ये किस तरह से काम
करती है? What is Blockchain Technology & How It's Works?
ब्लॉकचेन टेक्नालॉजी क्या है? What is Blockchain Technology in Hindi?
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) एक ऐसा प्लेटफॉर्म (Platform)
है, जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी, बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल रूप में बदलकर
उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। अगर आसान भाषा में समझें तो ब्लॉकचेन
टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) एक डिजिटल बहीखाता (Ledger account) होता
है इस पर जो भी ट्रांजेक्शन होते हैं वो Chain से जुडे होते हैं और वो हर
कंप्यूटर पर दिखाई देते हैं इसे ब्लॉकचेन (Blockchain) इसलिए भी कहा जाता है
क्योंकि ये डेटा को Groups में कलेक्ट करता है और इन Groups को ब्लॉक भी कहा
जाता है हर ब्लॉक में Limited स्टोरेज Capacity होती है इसलिए जब कोई ब्लॉक
भर जाता है तो वो पहले भरे हुए ब्लॉक से जाकर जुड जाता है इसी प्रकार एक डेटा
की पूरी Chain बन जाती है इसलिए इस टेक्नालॉजी को ब्लॉकचेन टेक्नालॉजी
(Blockchain Technology) कहा जाता है। इसे क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency)
की Backbone यानि कि रीड की हड्डी भी कहा जाता है अब आप यह सोच रहे होंगे
Blockchain के बारे में तो मैने जान लिया लेकिन ये Crypto currency क्या होता
है तो दोस्तों इसे भी चलिए जान लेते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक वर्चुअल करेंसी ( होती है जिस तरह आधार
कार्ड के असली नंबर के जगह एक VID यानि वर्चुअल ID का प्रयोग किया जाता है।
जिसे सन् 2009 ई० में लॉन्च किया गया था और पहली क्रिप्टोकरेंसी ‘बिटकॉइन’ थी।
क्रिप्टोकरेंसी असली नोट या सिक्कों के जैसी नहीं होती है इसका मतलब ये कि
इसको आप 100रूपये–50 रूपए नोट की तरह अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं और न ही
अपनी जेब में रख सकते है अगर हाथ ही में नही आयेगा तो जेब में कैसे रखोगे😂।
लेकिन ये आपके डिजिटल वॉलेट (Digital Wallet) में सुरक्षित रहती है इसलिए इसे
ऑनलाइन करेंसी भी कहा जा सकता है या फिर कह भी सकते हैं आनलाइन करंस। अब
दोस्तों मैं आपको जानकारी के लिए डिजिटल वॉलेट के बारे में बताने वाला हूं जो
नीचे दिया गया है:
डिजिटल वॉलेट क्या है? What is Digital Wallet?
डिजिटल बटुआ यानि Wallet वह युक्ति या सॉफ्टवेयर है जिसके द्वारा व्यक्ति
इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पैसे का लेन-देन कर सकता है। e-wallet को आप
इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट या डिजिटल वॉलेट के नाम से भी जानते हैं। यह एक तरीके से
इलेक्ट्रॉनिक बटुआ होता है। ज्यादातर इसका इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए
किया जाता है। जी हां दोस्तों आपने सही समझा यह डिजिटल वॉलेट e–wallet होता है
जिस तरह की mail को Digitally भेजने के लिए Email या Gmail का इस्तेमाल किया
जाता है ठीक उसी प्रकार। तो दोस्तों इतना तो हमने जान लिया कि कौन–सी चीज़ का
परिभाषा क्या होता है तो अब यह भी जान लेते हैं कि ब्लॉकचैन कैसे काम करता
है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी काम कैसे करती है? How Blockchain Technology Works?
ये ऐसे ब्लॉक की Chain होती है जिसमें डेटा होता है हर ब्लॉक के पास पिछले
ब्लॉक का Cryptographic Hash होता है यह Hash हर ट्रांजेक्शन पर Generate
होता है और यह नंबर और Letters की एक String yani डोरी या फिर तार के समान होती
है, Hash एक ऐसा कनेक्शन होता है जो नंबर और Letters के इनपुट को एक Fixed
Length के Encrypted आउटपुट में बदल देता है, ये Hash केवल ट्रांजेक्शन पर ही
निर्भर नहीं करता है बल्कि चेन में उससे पहले बने Hash पर भी निर्भर रहता
है।
अगर Transaction में हल्का भी बदलाव किया जाता है तो उससे एक नया Hash बन जाता
है इसका मतलब यह कि अगर ब्लॉकचेन के डेटा के साथ कोई भी गरबरी (छेड़–छाड़) की
जाती है तो उसकी सारी सेटिंग ऑटोमेटिकली बदल जाती है और इससे रिकॉर्ड में हुई
हेराफेरी का पता लगाया जा सकता है इसलिए ये एक काफी Secure 🔐 ऑप्शन है,
ब्लॉकचेन (Blockchain) बहुत सारे कंप्यूटरों पर स्प्रेड होती है इसका मतलब
यह होता है की यह बहुत सारे कंप्यूटरों पर फैली हुई होती है और हर कंप्यूटर के
पास ब्लॉकचेन (Blockchain) की कॉपी होती है और इन कंप्यूटरों को Nodes
(ग्रंथि) कहा जाता है। इन Nodes को Check करके यह पता लगाते हैं कि ट्रांजेक्शन में कोई बदलाव तो
नहीं न हुआ है अगर किसी ट्रांजेक्शन को Nodes Approve कर देते हैं तो उस
ट्रांजेक्शन को Block में लिखा जाता है यह Nodes ब्लॉकचेन (Blockchain) का
Infrastructure Form (आधारभूत फॉर्म) करते हैं यह ब्लॉकचेन
(Blockchain) डेटा को स्टोर, स्प्रेड और Preserve यानि सुरक्षित करते
हैं। एक Full Node कंप्यूटर जैसी डिवाइस होती है इसे हम आसान सी भाषा में मैनेजर
कह सकते है क्योंकि इसके पास सब कुछ की इतिहास होती है। जिसके पास ब्लॉकचेन
(Blockchain) ट्रांजेक्शन की History की पूरी जानकारी होती है, ब्लॉकचेन
(Blockchain) अपने आप को हर मिनट नही बल्कि प्रत्येक दस मिनट पर अपडेट करता
है।
बिटकॉइन के लिए ब्लॉकचेन कैसे जरूरी है? How Blockchain Important for Bitcoin?
बिटकॉइन के लिए ब्लॉकचेन एक Specific Time यानि विशिष्ट समय का डेटाबेस है जो
हर बिटकॉइन ट्रांजेक्शन को स्टोर रखता है बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में
ब्लॉकचेन (Blockchain) इस करेंसी के ऑप्शन को कंप्यूटर की स्क्रीन पर
स्प्रेड करता है जिससे इस करेंसी को बिना किसी Central Authority के Operate
करना Possible हो जाता है, इसके इस्तेमाल से रिस्क बहुत कम हो जाता है। इसलिए
इस टेक्नालॉजी को Secure 🔐 माना जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस पोस्ट में हमने जाना कि Blockchain टेक्नालॉजी क्या होता है और यह कैसे काम
करता है तो दोस्तों मिलते हैं अगले पोस्ट में।